The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing

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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका

सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥

आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं

Darshans and Jagratas are pivotal in fostering a way of Local community and spiritual solidarity between devotees. Throughout these functions, the collective Electricity and devotion are palpable, as contributors have interaction in many varieties of worship and celebration.

The supremely attractive Shodashi is united in the center from the infinite consciousness of Shiva. She removes darkness and bestows mild. 

प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥

काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥

संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त check here रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

नाना-मन्त्र-रहस्य-विद्भिरखिलैरन्वासितं योगिभिः

Within the fifth auspicious day of Navaratri, the Lalita Panchami is celebrated since the legends say that this was the day if the Goddess emerged from fireplace to get rid of the demon Bhandasura.

ह्रीं ह्रीं ह्रीमित्यजस्रं हृदयसरसिजे भावयेऽहं भवानीम् ॥११॥

श्रीमद्-सद्-गुरु-पूज्य-पाद-करुणा-संवेद्य-तत्त्वात्मकं

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥

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